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मुरझाया फूल -सुभद्रा कुमारी चौहान

मुरझाया फूल -सुभद्रा कुमारी चौहान 


यह मुरझाया हुआ फूल है,
इसका हृदय दुखाना मत।
 स्वयं बिखरने वाली इसकी
 पंखड़ियाँ बिखराना मत॥

 गुजरो अगर पास से इसके
 इसे चोट पहुँचाना मत।
 जीवन की अंतिम घड़ियों में
 देखो, इसे रुलाना मत॥

 अगर हो सके तो ठंडी
 बूँदें टपका देना प्यारे!
जल न जाए संतप्त-हृदय
 शीतलता ला देना प्यारे!!

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